जानते हो आज 12 साल का बच्चा गाँधी जी की बहिन मतारी क्यों करता है ? क्योंकि 5 साल की उमर से हमारे ऊपर गाँधी थोप दिए जाते हैं । हमें बताया जाता है बेटा आज़ादी से पहले बाद में एक ही भगवान हुए और वो हैं महात्मा गांधी । ये लो ढोलक मंजीरा और गाओ - "दे दी हमें आज़ादी बिना खड्ग बिना ढाल । या धन धन गाँधी जी महाराज दुखियों के दुःख हरने वाले ।"
26 जनवरी की रैली में गुरूजी इस लौंडे को मजबूर कर देते हैं चाँद घुटाने के लिए । बोलते हैं "बेटा वो देश के लिए जान दे दिए और तुम गंजे होके धोती न पहन रहे ।" गुरूजी के इस इमोशनल अत्याचार पे छोरा टूट जाता है । चार दिन पहले तक लौंडा सलमा की मोहब्बत में सलमान खान हुआ जा रहा था । बीच की मांग काढ़ के सस्ता चश्मा लगाये सलमा की गली से ये बाल झटक के निकलता था ।
आज 25 जनवरी की शाम सईद मियां आके इसके बाल ले जाते हैं । छोरे को सफ़ेद लुंगी और हैरी पॉटर का 6 नंबर का चश्मा मिलता है । ले बेटा पहन ले और बोल जय गान्ही बाबा की । चिल्ला जाड़े में कंपकंपाता लौंडा गाँधी जी को गरिया रहा होता है । जिस सलमा को बाल झटक झटक के पटाया था अब उसी के घर के आगे छोरे का जलूस निकल जाता है ।
असली मजा तब आता है जब लौंडा फेसबुक चलाना शुरू करता है । तब इसे पता चलता है कि बापूजी तो कर्रे वाले पलंगतोड़ आशिक थे । सुशीला, मनु, अलाने की पुतबहू और फलाने की परपोती तो शाम होते ही बापू के बिस्तर पे सजती थी । तब ये भड़का आशिक सलमा को याद कर करके टसुए बहाता है और उन्हीं गान्ही बाबा को गरियाता है जिनकी जय-जयकार कभी मास्टर जी ने बुलवाई थी |
@#$%* तुमाए चक्कर में हमाये बचपन की मोहब्बत चाँद मियां से ब्याह गयी । हरामखोर हर साल का अलग माँडल निकालता है । हमसे ब्याह पढा होता तो बस दो बच्चे करते । काहे कि बच्चे दो ही अच्छे | ट्रक पे भी लिखा होता है: हम दो हमारे दो | छोरे का नाम खाते चुन्नू और छोरी का मुन्नी । नरक में कुम्भीपाकम् हो इस $%@# गान्ही का । तब हम पढ़े लिखे सो कॉल्ड इंटेलेक्चुअल लोग बोलते हैं कि तुम बहुत बद्तमीज़ हो बापू को गाली लिख रहे हो । और ब्लाह ब्लाह ।
मेरे ख्याल से दिक्कत वहां से शुरू होती है जब हम अपने माइंडसेट दूसरों पर थोपते हैं । अरे वो पढ़ाइये जो सच है । बच्चे बहुत होशियार हैं आजकल । आज नहीं तो कल वो सच्चाई पता कर लेंगे । आज सबके पास इंटररनेट है भाई । आपकी अय्याशी के सबूत यहाँ हाई रेसोलूशन में मौजूद है । बेहतर है आप बच्चो को सब बताइए | किस परिस्तिथि में उन्होंने क्या किया - उन्हें ये सब बताइए | ताकि आगे चलकर वो अपने मन में महापुरुषों के बारे में गलत धारणा न बनायें |
यहाँ गाँधी जी का सिर्फ उदाहरण लिया गया है । आप अपने आस पास छात्रों के विचार सुनिए | वो हर महापुरुष पर ऊँगली उठा रहे हैं । आप ध्यान से देखिये आजकल हर महापुरुष इसी तरह गाली खा रहा है । और आप इसे गलत भी नहीं कह सकते | हर समाज के घरों में अपनी अपनी तस्वीरें सजी हैं । खाँचे खिंच चुके हैं । लोग बँट रहे हैं । और ये बहुत गलत हो रहा है । आज नहीं तो कल आपको इस पर ध्यान देना ही होगा । बेटर टुडे देन टुमारो ...
पुण्यतिथि पर महात्मा गाँधी जी को सादर नमन _/\_