ये शायद 2013 या 14 की बात है | मैं कासगंज से दिल्ली जा रहा था | बराबर की सीट पर एक भाई आकर बैठा | बस आगे बढ़ी कुछ समय बीता | घर से जब चला था तब लाईट नहीं आ
रही थी | फोन लगभग
डाउन था | समय काटे
नहीं कट रहा था | एसी
परिस्थिति में अज्ञात भाई से बातें करना शुरू कर दी | बातों में बताया वो दिल्ली जा रहा
था | इधर यूपी
में काम नहीं है | कहीं जुगाड़
लग भी जाए तो गुंडई चरम पर है | ठेकेदार लोग
कम पैसे देते हैं | इसीलिए
दिल्ली काम करता हूँ | इस तरह की
तमाम बातें उससे होती रहीं |
बस कंडक्टर
आया मैंने दिल्ली की टिकेट ली पर उसने अलीगढ की ली | ये मेरे लिए आश्चर्य की बात थी | मैंने तुरंत टोक दिया भाई आप तो
दिल्ली जा रहे हो | तो अलीगढ की टिकेट क्यों
ले रहे हो | उसने जो जबाब दिया वो मेरे लिए थोडा सा सरप्रायजिंग और ज्यादा
दुखदायी था | उसने कहा
"भाई मजूर आदमी हैं हम | बस में टिकट
बहुत मंहगा है | अलीगढ से
ट्रेन से चले जायेंगे | कम पैसों
में काम हो जायेगा |"
कासगंज एटा
से जो लोग मेहनत मजूरी करने दिल्ली जाते हैं वो पहले बस से अलीगढ जाते
हैं | फिर पेसेंजर
या एक्सप्रेस जो भी ट्रेन पहले मिले उससे दिल्ली तक का रास्ता तय करते हैं | एक आदमी सामान की भारी भरकम
पोटली/बोरी सर पर रख के भरी दोपहरी में 1 से 2 किलोमीटर
पैदल चलकर रेलवे स्टेशन जायेगा | भीड़ होने के
बाबजूद लाइन में लगकर टिकट लेगा | फिर आधा एक
घंटा ट्रेन का इंतज़ार करेगा | २ मिनट
ट्रेन रुकेगी उसमे भागकर भीड़ में जगह बना अपना सामान सेट करेगा और खुद भी खड़ा होगा
| और ये सब
जद्दोजेहाद किसलिए ? मात्र 30 35 या बहुत से बहुत 50 रुपये बचाने के लिए | वो तो प्रभु की दया से अब ट्रेन की
हालात सुधर गए हैं | पहले क्या हालत होती होगी इन गरीबों की आप खुद सोच सकते हैं |
ऐसे उत्तर
प्रदेश जिसके नागरिक चंद पैसो की खातिर ट्रेन में इतना सब कुछ सहते हैं उस प्रदेश के
पूर्ण बहुमत वाले मुख्यमंत्री जी कहते हैं कि मोदी जी अगर एक बार आगरा लखनऊ हाइवे
पर चल लें तो सपा को वोट दे देंगे | मुख्यमंत्री जी उनका वोट तो आप ले लेंगे | पर
उस जनता का वोट कैसे लेंगे जो कष्ट सहकर 20 30 रुपये बचाती है | क्युकि आपके हाई
वे पर चलने के लिए इससे ज्यादा तो टैक्स लगता है |
उत्तर
प्रदेश आज पानी, बिजली, रोजगार, स्वच्छता और सुरक्षा व्यवस्था की समस्या से जूझ
रहा है | शर्म आती है जब हम अपने प्रदेश में शौचालयों की स्तिथि पर बाकी प्रदेशों के
नागरिकों से जली कटी सुनते हैं | अक्सर न्यूज़ पेपर में हम पढ़ते हैं कि फलां बहादुर
लड़की ने बारात लौटा दी क्युकि लड़के के घर में शौचालय नहीं है | ये दूल्हे क्या
आपके हाईवे के किनारे जाएँ हगने के लिए ? खाने के लिए अन्न नहीं है | आपका हाईवे हाइवे
खा लें सर ? रहने के लिए छत नहीं है | आपके हाईवे ओड़ के सो जाएँ सर ? पहनने के लिए
कपडे नहीं हैं | आपका हाई वे पहन लें सर ?
आप हाई वे
के नाम पर यूपी के किसानों से वोट मांग रहे हैं | ये किसानों के किस काम का है सर
? आप उन्हें बताएं कि क्या आपने उन्हें कालाबाजारी रोक कर उनकी फसल का उचित मूल्य
दिलाने का काम किया ? क्या आपने अनाज मंडी में उन्हें अधिकारीयों से बचाया ? क्या आपके
राज्य में आपने नहर बम्बों आदि में पानी की उचित व्यवस्था की | ताकि किसान अपनी
फसल में सही समय पर पानी लगा सके ? पर ये सब आप नहीं गिना सकते | क्यों क्युकि
पांच साल तो आपने सैफई महोत्सव में कटरीना के ठुमको पर कमर लचकाई है | ये सब करने
का तो आपको टाइम ही नहीं मिला होगा सर | ऊपर से जब जब आपदा आई तब तब आपने किसानों
को भरपाई के नाम पर 59 रुपये के चेक दिए थे | अब यूपी का किसान किस विधि आपको वोट
दे ? बताइए जरा ?
आप
व्यापारियों से हाई वे के नाम पर वोट मांग रहे हैं | उधर व्यापारी बेचारा अपहृत
हुआ पड़ा है किसी नदी की खादर में | क्युकि आपके राज्य में सुरक्षा व्यवस्था इतनी
माशा अल्ला है कि पूछिये मत | हर दिन के अखवारों में छपता है फलां व्यापारी से
इतने लाख की लूट | फलां व्यापारी की गोली मार कर हत्या | बनिए बेचारे सोच रहे हैं
ये किस को चुन लिया भाई ? माल से तो गए ही गए, जान से भी जा रहे हैं | ऐसे में
आपको व्यापारी हाई वे के नाम पर कैसे वोट दे दे मुख्यमंत्री जी ? बेहतर हो आप हमसे
हमारी सुरक्षा के वादे करें | इस तरह हाइवे ज्ञान पर तो वैश्य समाज आपको चुनने
वाला नहीं है |
मैं यह नहीं
कहता कि मैं हाई वे के खिलाफ हूँ | हाई वे नहीं बनना चाहिए | बिलकुल बनना चाहिए |
विकास के लिए, व्यापार के लिए, आदमी की सुविधा के लिए अच्छे हाई वे की सख्त जरूरत
है | पर सरकार हाइवे के आलावा और भी बहुत कुछ है जो एक मुख्यमंत्री को करना चाहिए | गाँव में भी तो सड़कें बननी चाहिए न सर | नगर से नगर आपने जोड़ दिए | साधुवाद आपको
| पर गाँव से नगर को भी तो जोडिये न सर | वहां भी उन्नति को रास्ता दिखाइए
मुख्यमंत्री जी | वहां कौन सड़के बनवायेगा ? क्या आपको गाँव वालों के वोट नहीं
चाहिए ? अच्छा आप बताइए कासगंज के लोग आपको आगरा लखनऊ हाइवे के नाम पर वोट क्यों
दें ? आपका हाई वे कासगंज के किस काम का ?
इससे पहले
आप आदरणीय पूर्व मुख्यमंत्री जी से भूतपूर्व मुख्यमंत्री हो जाएँ मैं ससम्मान आपसे
कहना चाहूँगा कि हमें पानी, बिजली, छत, रोजगार, व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य और
सुरक्षा उपलब्ध भी कराइए सर | अकेले हाई वे से हमारा पेट नहीं भरता, इससे हमारी
प्यास नहीं बुझती साहब | आशा करता हूँ आप अब हमसे बाकी के मुद्दों पर अपना काम
गिनाकर वोट मागेंगे | चुनावो की शुभकामनाओं सहित
-अनुज
अग्रवाल